पढ़ाई का शौक कहाँ खत्म हो गया?
यह सवाल आजकल हर किसी के मन में उठ रहा है। हमेशा बच्चों को पढ़ाई में {रुचि interest|शौक नहीं होता, और वे बैठकर व्यर्थ में बिताते हैं। ऐसे बहुत से कारण है जो आजकल बच्चों में पढ़ाई का जुनून कम कर रहे हैं: जैसे कि सोशल मीडिया, अन्य काम करने वाले माता-पिता, और प्रतिस्पर्धा।
यह जरूरी है कि हम बच्चों को पढ़ाई में {रुचि interest|शौक भरने के लिए प्रोत्साहित करें। उन्हें सीखना में मजेदार बनाएं और उनके अध्ययनविद्या|विकास को प्राथमिकता दें।
दिल पढ़ाई से भटक रहा है
जब मैंने ज्ञान प्राप्त करने का आकर्षण हो, तो हम अपने आप को उत्कृष्ट विचारों में खोकर पाते हैं। हालांकि जब मन पढ़ाई से भटकता है, तो यह हमारे उन्नति की यात्रा में एक बड़ी समस्या बन जाती है। बहुत बार तब होता है जब हम ज्ञान प्राप्त करने से हटकर मनोरंजन में शामिल हो जाते हैं.
नियोजन भंग हो गया
यह सच है कि आजकल कई छात्रों ने अपने लय को खो दिया. पहले तो लगातार सीखते थे, पर अब अध्ययन के लिए समय नहीं मिल पाता.
यह परिस्थिति हमारे भविष्य को खतरे में डालती है. हमें जल्दी से अपनी आवश्यकताओं को समझना होगा.
बौद्धिक उमंग कहीं चली गई
यह सच है कि आजकल आत्मा की एक अभूतपूर्व कमी महसूस होती है। हम तो भूतकाल में प्रगति की कहानियाँ सुनते थे, जब लोग प्रेम से भरे होते। आजकल तो लड़कों और लड़कियों का दिल सिर्फ़ आराम हैं। क्या यह सही है? क्या हमें अपने ज्ञान को संजोना होगा, या हम सिर्फ़ हताश होंगे?
- विश्व
- प्रेरणा
अध्ययन मध्ये आत्मा नाही
आजच्या युगात , लहान मुलांचा सध्या पढाई करतो . परंतु {ज्ञानार्जनात विश्वास नाही website तर कार्यक्षमता प्रमुख आहे.
शिक्षणाच्या विचारांनी कार्यक्षमतेनुसार अध्ययन केले जावे, तेव्हा आगे पडू शकतो.
निराला मन : पढ़ाई से दूर निकलता है
पढ़ाई के पथ पर चले रहने वाले हर छात्र को कभी-कभी एक निराला मन का सामना करना पड़ता है। यह मन अक्सर बाहरी दुनिया की बाधाओं से ऊपर उठकर स्वयं के सपनों और विचारों में खो जाता है। इसके कारण पढ़ाई का भार, जीवन में आने वाली चुनौतियाँ या फिर अस्तित्वगत संदेह ।
एक निराला मन कभी-कभी एक अनोखा स्रोत बन जाता है, जो नई खोजों और रचनात्मकता को जन्म देता है।